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संस्था के सामान्य नियम

1. शुल्क विवरण में अंकित शुल्कों एवं प्रशिक्षण शुल्क के अतिरिक्त अन्य किसी प्रकार का शुल्क या काशनमनी संस्था नहीं लेती।
2. प्रैक्टिकल के लिए सभी आवश्यक सामान संस्था के नियमानुसार कक्षा में उपलब्ध करायें जायेंगे।
3. प्रवेश लेने के पश्चात प्रवेश शुल्क तथा प्रशिक्षण शुल्क वापस नहीं होगा, परन्तु भविष्य में छात्र चाहे तो शेष शुल्क के साथ पुनः प्रवेश लेकर पढ़ सकता है। पूर्व में जमा प्रशिक्षण शुल्कों की रसीद दिखाने पर उतनी राशि कम देनी होगी।
4. प्रवेश लेने के तीन माह के अन्दर प्रशिक्षण शुल्क जमा न करने पर प्रवेश निरस्त हो जायेगा।
5. एक कोर्स में प्रवेश लेने के बाद दूसरे कोर्स के लिए पुनः फार्म भरकर प्रवेश लेना होगा। दूसरे कोर्स का प्रवेश शुल्क भी देना होगा।
6. किसी भी प्रकार का शुल्क दूसरे छात्र के नाम या दूसरे कोर्स में स्थानान्तरित नहीं होगा।
7. कक्षा में उपस्थित हो जाने के बाद एक कोर्स से दूसरे कोर्स में स्थानान्तरण कराने पर दूसरे कोर्स के लिए प्रवेश एवं प्रशिक्षण शुल्क देना होगा।
8. अनुशासनहीन छात्र को किसी भी स्थिति में संस्थान में नहीं रखा जायेगा।
9. मासिक प्रशिक्षण शुल्क तथा एक साथ जमा प्रशिक्षण शुल्क ;ब्वदजतंबजद्ध रसीद कटने के बाद किसी भी स्थिति में वापस नहीं होगी। ऐसे छात्र बाद में आकर पढ़ सकते हैं, परन्तु उन पर शुल्क नये सत्र की लागू होगी।
10. अन्तिम परीक्षा में असफल हो जाने वाले छात्र केवल पुनः प्रवेश शुल्क जमा करके एक माह का रिवीजन कोर्स कर सकते हैं।
11. प्रशिक्षण काल के अन्तिम माह में पढ़ने वाले छात्र, शिक्षक अपरेन्टिस के लिए आवेदन कर सकते हैं। स्थान खाली होने पर संस्था उन्हें पढ़ाने का प्रशिक्षण निःशुल्क देगी।
12. ट्रेनिंग के बीच किसी परीक्षा आदि के लिए लम्बी छुट्टी लेने की आवश्यकता हो, तो आवेदन करने पर छात्र को बैंक सत्र में जाकर छूटे हुए कोर्स को पूरा करने का अवसर दिया जा सकता है। बशर्तें छात्र की चालू माह तक की फीस जमा हो। अधिक लम्बी छुट्टी होने पर छात्र को छूटे सेमेस्टर से ही किसी बैंक सत्र में पढ़ना होगा।

परीक्षा सम्बन्धी सामान्य नियम


1. प्रत्येक छात्र को प्रतिमाह सेमेस्टर परीक्षा फार्म भरकर सेमेस्टर परीक्षा देना अनिवार्य है।
2. यदि किसी विशेष कारण वश किसी छात्र का सेमेस्टर परीक्षा छूट गया हो तो आवेदन-पत्र देकर अगले माह की परीक्षा के साथ बैक-सेमेस्टर की परीक्षा भी दी जा सकती है।
3. सेमेस्टर परीक्षा के प्राप्तांक भी फाइनल परीक्षा में जोड़े जाते हैं अतः सेमेस्टर परीक्षा को भी फाइनल परीक्षा का एक अंश मानना चाहिए।
4. नोट-बुक पर भी नम्बर दिया जाता है। अतः नोट-बुक स्वच्छ तैयार रखना उचित है।
5. वाइवा (मौखिक परीक्षा) फाइनल परीक्षा का एक हिस्सा है अतः कक्षा में बताये गये छोटी-छोटी बातों को भी ध्यान से सुनकर नोट कर लेना हितकर होगा।
6. परीक्षा के माध्यम के लिए केवल हिन्दी और अंग्रेजी भाषायें ही स्वीकृत हैं।
7. फाइनल परीक्षा में बैठने के लिए कोर्स का प्रशिक्षण काल पूरा होना आवश्यक है। इसके साथ ही छात्र का परीक्षा आवेदन पत्र, फोटो आदि प्रमाणित होना आवश्यक है।
8. परीक्षा में असफल होने वाले छात्र परीक्षा शुल्क जमा करके आगामी परीक्षा में पुनः सम्मिलित हो सकते हैं।
9. परीक्षा फार्म भरने के पश्चात् परीक्षा न देने पर परीक्षा शुल्क निरस्त हो जायेगा।
10. फाइनल परीक्षा का परीक्षा परिणाम घोषित हो जाने के एक माह के भीतर पुनर्मूल्यांकन के लिए आवेदन किया जा सकता है। यदि पुनर्मूल्यांकन में अंक बढ़ जाता है तो शुल्क वापस कर दिया जायेगा, किन्तु पूर्व निरीक्षक द्वारा दिया गया अंक किसी भी स्थिति में कम नहीं किया जायेगा।
11. छात्र कहीं से भी अपने प्रमाण-पत्र का सत्यापन व रिजल्ट संस्था की वेवसाईट www.ueiho.com पर जाकर चेक कर सकते हैं तथा यदि किसी कम्पनी में भी वह अपना प्रमाण-पत्र लगाते हैं तो कम्पनी भी आॅन लाईन सर्टिफिकेट का सत्यापन कर सकती है।

श्रेणी विभाजन


1. प्रत्येक परीक्षा उत्तीर्ण करने के लिए न्यूनतम 60 प्रतिशत अंक प्रति प्रश्नपत्र पाना अनिवार्य है। फाइनल एवं सेमेस्टर परीक्षाओं के अंकों के योग के आधार पर श्रेणी निर्धारित की जायेगी। 60 से 69 प्रतिशत तृतीय श्रेणी, 70 से 79 प्रतिशत द्वितीय श्रेणी, 80 प्रतिशत अथवा ऊपर प्रथम श्रेणी। फाइनल परीक्षा में 90 प्रतिशत से अधिक अंक पाने पर उस प्रश्न पत्र में विशेष योग्यता दी जायेगी।
2. प्रशिक्षण अथवा परीक्षा समबन्धी किसी भी शिकायत के लिए प्रधानाचार्य/संचालक से मिलें। समुचित उत्तर न मिलने पर परीक्षा विभाग को लिखें। बिना नाम पता वाले शिकायत पत्रों पर कोई कार्यवाही नहीं की जायेगी।

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