परिचय
(राष्ट्र की सेवा में समर्पित, बेरोजगारी के विरुद्ध अभियान)
संस्था का संक्षिप्त परिचय
आज उमा इलेक्ट्रानिक इन्स्टीट्यूट एक संस्था नहीं, बल्कि देश में फैली बेरोजगारी के विरुद्ध एक संघर्षपूर्ण अभियान का नाम है।
तकनीकी शिक्षा, बदलती हुयी टेक्टोलाॅजी के अनुरूप हो, सस्ती हो और सबके लिए सुलभ हो। महात्मा गाँधी के इस विचार से पे्ररणा लेकर इस संस्था की स्थापना की गई। संस्थापकों ने प्रशिक्षण का एक व्यवहारिक स्तर तय किया, वह यह कि जो छात्र अपनी इच्छा से पढ़ने आया है उसे ट्रनिंग के बाद अपना काम करने योग्य हो जाना चाहिये। नई टेक्नोलाॅजी के आते ही इसका प्रशिक्षण आरम्भ कर दिया जाता है। ताकि छात्र नवीनतम ज्ञान के साथ आत्मनिर्भरता के क्षेत्र में उतर सके।
संस्था ने हजारों छात्रों को आत्मनिर्भर बनाकर उन्हें सम्मानित जीवन-यापन के अवसर प्राप्त करायें हैं। सफलतापूर्वक प्रशिक्षण प्राप्त करने वाला कोई भी छात्र, यदि वो प्रतिभाशाली है और परिश्रम करने को तैयार है, तो वह संस्था द्वारा प्रदत्त इन अवसरों का लाभ उठा सकता है। आवश्यकता आत्मविश्वास और लगन की है।
संस्था का उद्देश्य
देश में तकनीकी एवं रोजगारपरक प्रशिक्षण प्रदान करने एवं बेरोजगारों को व्यवहारिक टेक्निकल प्रशिक्षण न्यूनतम मूल्य पर उपलब्ध कराना ताकि वे आत्मनिर्भर हो सकें। संस्था द्वारा SC,ST बिकलांग व महिलाओं को प्रशिक्षण शुल्क में विशेष छूट प्रदान किया जाता है।
संस्था का प्रबंध
उमा इलेक्ट्रानिक इन्स्टीट्यूट, उमा टेक्निकल ट्रेनिंग एजूकेशनल सोसाइटी के अन्तर्गत संचालित किया जाता है, जो अधिनियम 21, 1860 के अन्तर्गत रजिस्टर्ड है । जिसका संचालन गणमान्य व्यक्तियों की एक प्रबंध समिति के
निर्देशानुसार किया जाता है।
संस्था के प्रबंध में अनुभवी लोगों का सहयोग मिलता रहा है। योग्य प्रशिक्षको के द्वारा समय-समय पर परिवर्तित उच्च तकनीक शिक्षा दी जाती है। छात्रों को उनकी संतुष्टि का ध्यान रखा जाता है। छात्र विकसित उपकरणों का उपयोग करते हैं एवं ट्रेनिंग के बाद छात्रों को अपना व्यवसाय करने, नौकरी आदि प्राप्त करने में सस्था द्वारा पूरा सहयोग किया जाता है |
उमा इलेक्ट्रानिक इन्स्टीट्यूट, ट्रेडमार्क व लोगो बरेली उ.प्र. के नाम भारत सरकार के ट्रेडमार्क के आफिस से रजिस्टर्ड है अतः इसका लोगो व उमा इलेक्ट्रानिक
इन्स्टी्यूट (डिवाइस) ट्रेडमार्क का व इससे मिलता जुलता व भ्रामक नाम कोई भी व्यक्ति इस ट्रेडमार्क नाम का व्यापारिक स्तेमाल नही कर सकता है, अगर कोई स्तेमाल करता है तो कानूनी अवैध है । तथा उस पर ट्रेडमार्क कानून के तहत कार्यवाही की जा सकती है ।
प्रशिक्षण स्तर की मान्यता /एफिलियेटेड
इन्स्टीट्यूट भारत सरकार के एम.एस.एम.इ. से भी रजि. है। संस्था को अन्र्तराष्ट्रीय स्तर का प्रमाण पत्र मिला हुआ है। (ISO 9001-2015) पिछले कई वर्षों से AISECT, NIELIT सोसाइटी
(DOEACC) तथा फाउंडेशन स्नाइडर इलेक्ट्रिक इण्डिया का यह संस्थान आथोराइज्ड सेन्टर रहा है